जल संवर्द्धन एवं जल बचाव के लिए छोटे-छोटे नालों में बांध बनाना अति आवश्यक….
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर में इन्द्रावती नदी के आसपास कई छोटे-छोटे नालाओ का प्रवाह है, जिसमें इन्द्रावती प्रवेश द्वार से लेकर कांकड़ी घाट का संगम पहुंच तक कई छोटे-छोटे नाला बहते है जहां आज भी बरसात का पानी बह रहा है, जिसे बचाना अति आवश्यक है ।
बस्तर जिला जगदलपुर के सिंचाई विभाग के द्वारा प्रत्येक नालों में जल संवर्द्धन के लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा कुछ वर्ष पूर्व कई स्टाफ डेम बनाये गये, जिसमें आज भी बरसात खत्म होने के बाद भी शहरदी नालों में पानी जस का तस बहता आ रहा है । इस बहते हुए पानी को वक्त रहते बचाया नही गया तो आगामी समय में जल स्तर नीचे जा सकता है । यदि इस बहते हुए नाला के पानी को रोका गया तो आगामी समय मेें यह पानी किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी होगा ।
ज्ञात हो कि बोड़कीजोड़ी जो जगदलपुर के समीप स्थित आड़ावाल जाने के मार्ग पर पड़ता है जहां दो पुलिया बनाया गया है इस पुल के नीचे छोटे-छोटे स्टाफ डेम बनाये गये है जिसका मुख्य उदेश्य पानी को संवर्द्धन करना है किन्तु यहां पानी का संवर्द्धन नही हो रहा है जस का तस पानी बह रहा है ।
ऐसे ही बस्तर के कई नालाओं में छोटे-छोटे स्टाफ डेम बनाये गये है परन्तु इस नाला में बने स्टाफ डेम पानी रोकन में असमर्थ है यहां देखने वाली बात यह है कि विगत कई वर्षो से पानी को रोकने की व्यवस्थाओं में लोहे की चादर का गेट बनाकर रोका जाने लगा था परन्तु विगत दो वर्ष से संबंधित अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अंदेखी के कारण से बस्तर जिला में लाखों लीटर पानी इन्द्रावती से बह रहा है ।
हमने आज यहां देखा कि जगदलपुर के समीपस्त बोड़कीजोड़ी नाम का नाला स्थित है यहां जल संवद्र्धन के लिए संबंधित विभाग द्वारा कई स्टाफ डेम का निर्माण कराया गया है किन्तु यहां डेम की रखरखाव नही किये जाने के कारण से जल स्तर का बहाव निरन्तर जारी है । इसी तरह बस्तर जिला के कई नालों में पानी का रिसाव निरन्तर जारी है, अगर इस बहाव को वक्त रहते रोका जाता है तो किसानों के खेती में उपयोग आ सकता है तथा जल स्तर में भी वृद्धि करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।