बदस्तूर जारी है रेत का अवैध उत्खन्न एवं परिवहन..खनिज विभाग की लापरवाही एवं राजस्व विभाग के अंदेखी के चलते सरकार को राजस्व में हो रहा लाखों का घाटा…
![](https://prabhatkranti.in/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-09-at-7.57.40-AM-780x470.jpeg)
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), छत्तीसगढ़ में बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती एवं शहरदी नदी भस्केली से रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है, यहां पूरे बस्तर जिला जगदलपुर के जनपद पंचायत बकावण्ड एवं जनपद पंचायत लोंडीगुड़ा में ही रेत के खदान है जो राजस्व विभाग के देखरेख में खनिज विभाग संचालन करता है । जिसमें इन्द्रावती एवं भस्केली नदी में सबसे ज्यादा रेत पाया जाता है रेत तस्करों ने नदी के आसपा अनियंत्रित गढ्ढ़ा किये जाने से इन्द्रावती एवं भस्केली नदी में उतरना अब संभव नही रहा है । शासन प्रशासन रेत का अवैध उत्खन्न करने वाले रेत माफियाओं पर कार्यवाही करने से कतरा नही है तथा इनकी मिली भगत स्पष्ट नजर आ रही है ।
ज्ञात हो कि ग्राम तारापुर, बनियागांव, टलनार एवं बजावण्ड से गुजरकर बस्तर को छूने वाले भस्केली नदी में रेत सम्भवत इन्द्रावती से ज्यादा निकलता है । यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ एवं उड़िसा के शहरदी क्षेत्र होने के कारण से रेत माफिया ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों को आड़े हाथ लेकर रेत का अवैध तस्करी करते आ रहे है । रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खन्न कर आसपास के क्षेत्र को खोद कर प्रदूषित किया जा रहा है तथा स्टाप डेम को खोला जा रहा है जिससे पानी रूकने की काई व्यवस्था नही है जिससे नदी सुख जा रहा है ।
इन दोनों नदी इन्द्रवती एवं भस्केली नदी के कुछ ही खदान चिन्हांकित कर आबंटन किया गया है एवं बिना खदान आबंटन के रेत माफियाओं द्वारा रेत को जेसीबी लगाकर अवैध उत्खन्न एवं पविहन कर रहे है जो बदस्तूर जारी है । ज्ञात हो कि समाचार प्रकाशन करने पर कार्यवाही किया जाता है जिसमें कुछ एक या दो टिप्पर एवं टैक्टरों को जब्त कर खनिज विभाग की कार्यवाही को पूरा किया जाता है परन्तु रेत का अवैध खादान को बंद नही किया जाता है न ही कोई कठोर कार्यवाही का जाती है ।
वही तहसीलदार एवं एसडीएम को आडे हाथ लेकर ठेकेदार बेखौफ रेती निकालकर बेच रहे है जिससे सरकार के राजस्व में लाखों रूपये का चूना लग रहा है ज्ञात हो कि 01 जुलाई से 15 दिसम्बर तक रेत का उत्खन्न एवं परिवहन बंद कर दिया जाता है किन्तु बजावण्ड क्षेत्र में यहां रेत का उत्खन्न एवं परिवहन बदस्तुर जारी है इस ओर खनिज विभाग कार्यवाही करने से कतरा रही है । अगर इस ओर प्रशासन को कार्यवाही किया जाना है तो प्रत्येक खादान की जांच करनी होगी तथा खदान का वैध एवं अवैध का चिन्हांकित किया जाना होगा तब रेत का अवैध उत्खन्न पर लगाम लगाया जा सकता है ।
परन्तु यहां ऐसा नही है समाचार प्रकाशन के बाद खनिज विभाग एवं राजस्व विभाग के द्वारा कार्यवाही किया जाता है किन्तु कोई अधिकारी इस विषय पर गंभीर नजर नही आता. इसका प्रत्येक्ष उदाहरण इन्द्रावती के कुरूसपाल घाट है कुरूसपाल घाट में पशुओं को पानी पीने के लिए भी उतना अब संभव नही रहा है क्योंकि यहां जगह-जगह रेत माफियाओं ने गढ्ढ़ा कर इन्द्रावती का रूख परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे है, परन्तु ग्रामवासियों के शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नही किया जा रहा जो कई संदेह को जन्म दे रहा है ।
यहां कोई स्व सेवकी संगठन ने इन्द्रावती बचाव अभियान के तहत अभियान छेड़ा और नदी किनारे वृक्षारोपण किया गया है परन्तु पंचायत की अंदेखी एवं ठेकेदारों की लापरवाही से कोई खदान क्षेत्र में कोई पौधा फलते फूलते नजर नही आ रहा है । यदि समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया गया तो आगामी समय में इन्द्रावती एवं भस्कली नदी के आसपास रेता माफियाओं का अड्डा बनने में समय नही लगेगा और वह प्रशासन के नाक के नीचे से रेत का अवैध उत्खन्न करते रहेगें ।