आत्मानंद स्कूल में गुरूकूल की शिक्षा की तरह बच्चों से मारपीट का मामला आया सामने, हुई शिकायत- बंद कमरे में किया गया मामला को रफा-दफा, मामला आत्मानंद स्कूल करीतगांव का – देखें विड़ियों
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जगदलपुर के जनपद पंचायत बकावण्ड के ग्राम पंचायत करीतगांव में अग्रेजी माध्यम स्कूल आत्मानंद जो दिल्ली के तर्ज कांग्रेस शासन में खोला गया. इस स्कूल में छात्रों के लिए सर्व-सुविधा युक्त सभी सुविधा मुहैय्या कराया गया है जिसका मुख्य उदेश्य बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदाय किया जाना है, जो एक प्रशंसनीय पहल है । इस स्कूल के संचालन राज्य शासन द्वारा किया गया है एवं बच्चों के उच्च शिक्षा हेतु शिक्षकों की भर्ती भी किया गया, ताकि शिक्षक छात्रों को उच्च शिक्षा दे सके । इसी के तर्ज पर इस स्कूल में अध्ययनरत् ग्राम पंचायत मालगांव, ग्राम पंचायत धोबीगुड़ा खासपारा एवं ग्राम पंचायत के ओन्डारगुण्डा पारा के 06 वर्षीय छात्रों के साथ शिक्षक द्वारा मारपीट का मामला प्रकाश में आया है. इस मारपीट मंे पीड़ित छात्रा का गला सूजना एवं एक छात्रा का हाथ में मोच आना अत्यधिक मार से स्कूल जाने से मना करने पर माता-पिता द्वारा स्कूल न जाने की बात पर प्रश्न पूछे जाने पर यह बात छात्र-छात्रों अपने पालकों को बताया गया ।
जिसके बाद बसंत पानीग्राही, लछिन्दनाथ सेठिया, ललित सेठिया एवं अन्य पालकों ने अपने बच्चों के साथ मारपीट की शिकायत को लेकर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष रामानुजन आचार्य, ग्राम पंचायत सरपंच गुनेश्वर एवं भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेता एवं शिक्षा समिति के पुरूषोत्तम जोशी एवं जनपद सदस्य भोलानाथ नाग एवं पालकों ने छात्रों के साथ इुई मारपीट की घटना को लेकर प्राचार्य से चर्चा किया गया इस मारपीट के संबंध में बंद कमरे में चर्चा के दौरान छात्रांे के साथ मारपीट की घटना सही पाया गया जिसमें बच्चों के साथ मारपीट करना शिक्षक द्वारा कबूला गया ।ग्राम पंचायत के हस्तक्षेप एवं जनपद उपाध्यक्ष रामानुजन आचार्य के द्वारा पुनः ऐसी घटना नही होने हिदायत प्राचार्य एवं उक्त शिक्षक को दी गई जिसमें प्राचार्य लूप्तेश्वर आचार्य ने इस घटना का जिम्मेदारी लिया एवं भविष्य में इस तरह की घटना पुनः नही होने की बात कही. इसी की तरह कुछ अन्य विद्यार्थियों से भी मारपीट की घटना प्रकाश में आ रही है जिसकी शिकायत को लेकर पालक एवं बालक प्राचार्य के पास पहुंच सकते है ।
इस पर प्राचार्य एवं शिक्षिक की अंदेखी स्पष्ट नजर आ रही है जिससे शिक्षा का महत्व एवं शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने एवं छोटे बच्चों के साथ सौहार्दपूर्वक व्यवहार करने की सलाह दी गई जिसके बाद उक्त शिक्षक द्वारा अपनी गलती माना एवं इस तरह की गलती दूबारा न होने की बात कही गई जिससे सभी पालक एवं बालक द्वारा प्राचार्य एवं शिक्षक को चेतावनी देकर छोड़ा गया ।
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