विभागीय अनदेखी का शिकार हो रहा निर्माणाधीन शाला भवन, बरती जा रही अनियमितता……
जगदलपुर(प्रभात क्रांति), बस्तर जिला जो पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण से हमेशा राजनीतिक पार्टी एवं उच्च अधिकारियों द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर जोर देते आ रहे है, ताकि बस्तर में शिक्षा उच्च स्तर पर पहुंच सके । परन्तु अब शासकीय कार्यो में ठेकेदारी प्रथा, नेतागिरी एवं सरपंच के बीच तालमेल नही होने के कारण निर्माणाधीन शाला भवन प्रभावित हो रहा है जिसके कारण ठेकेदारों द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है ।
ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत गुमड़ेल में प्राथमिक पाठशाला नही होने के कारण से ग्रामीणों के द्वारा नवीन भवन की मांग किया जा रहा था जिसके बाद ग्रामीणों केे मांग के अनुसार भवन का कार्य प्रारंभ किया गया, किन्तु भवन के निर्माण में भारी अनियमितता देखी जा रही है यहां 6 इंच का सीमेंट ईट से बन रहे इस भवन में कभी भी क्यूरिंग नही हो रहा, क्यूरिंग नही होने से भवन स्वतः गुणवत्ताहिन हो रहा है जिसे स्पष्ट देखा जा सकता है एवं भवन बहुत ही धीमी गति से बनाया जा रहा है जिससे बच्चों के पढ़ाई प्रभावित हो रही है ।
वर्तमान में ग्राम पंचायत जुनावनी के नवीन पाठशाला में 107 बच्चे अध्ययनरत् है भवन नही होने के कारण से एक ही कक्षा में बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है जिससे अन्य बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है एवं बच्चों के परिजन पाठशला में भेजने के लिए कतरा रहे है । शाला भवन जो कई विद्यार्थियों को अपने मुकाम तक पहुंचाने का प्रथम सीढ़ी माना जाता है किन्तु भवनों मंे संबंधित अधिकारियों एवं ठेकेदारों के तालमेल नही बैठने के कारण बच्चों को इसका खामियाजा भुगतना पढ़ रहा है ।
इस भवन के निर्माण में शिक्षा विभाग के द्वारा पहली से पांचवी तक के बच्चों के लिए भवन का निर्माण प्रारंभ कराया गया एवं भवन का निर्माण के लिए नियमानुसार टेंडर भी बुलाया गया, टेंडर में ठेकेदारांे के अधीन भवन को सौपा गया था, परन्तु ठेकेदार की अनियमितता धीमी गति एवं संबंधित अधिकारियों के द्वारा ध्यान नही दिये जाने के ठेकेदार गुणवत्ता की ओर ध्यान नही दे रहा उसके द्वारा निम्न वर्ग के सीमंेट तथा रॉ-मटेरियल का उपयोग कर रहा साथ ही निम्न क्वॉलिटी के सीमेंट का भी उपयोग किया जा रहा इस ओर ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच एवं जनप्रतिनिधि भी मौन है । अगर इस भवन की गुणवत्ता की ओर समय रहते ध्यान नही दिया गया तो आगामी समय में भवन निर्माण के कुछ वर्ष बाद ही भवन क्षतिग्रस्त होने की स्थिति बन जायेगी, जो एक सोचनीय विषय है ।