संसाधनों के बावजूद बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्राम पंचायत मालगांव, शासन-प्रशासन की अनदेखी से त्रस्त ग्रामीण, विकास की राह तकते…

जगदलपुर (प्रभात क्रांति), बस्तर जिले के जनपद पंचायत बकावंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मालगांव इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव के चलते सुर्खियों में है। यह ग्राम पंचायत, जहां सभी शासकीय संसाधन मौजूद हैं, फिर भी ग्रामीणों को रोजमर्रा की कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जगदलपुर शहर से महज 5-8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मालगांव आज भी विकास की दौड़ में पिछड़ा हुआ नजर आता है, जबकि देश डिजिटल भारत की ओर अग्रसर है और कई गाँवों को मॉडल ग्राम का दर्जा दिया जा रहा है।
राशन वितरण में भारी अव्यवस्था
ग्राम में सबसे बड़ी समस्या शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से जुड़ी हुई है। ग्रामीणों को अपने हक का राशन प्राप्त करने के लिए सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता है। नेटवर्क समस्या के कारण मशीनें काम नहीं कर रही हैं, जिससे एक दिन में मुश्किल से एक-दो व्यक्तियों को ही राशन मिल पाता है।
विचारणीय बात यह है कि दूरस्थ क्षेत्रों जैसे मोहलाई और लावागांव की राशन दुकानों में नेटवर्क उपलब्ध है, वहीं शहर के इतने पास बसे मालगांव में यह बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक उदासीनता या तकनीकी लापरवाही कार्य में बाधा बन रही है।
डॉक्टर पदस्थ, फिर भी नहीं मिलती स्वास्थ्य सुविधा
उपस्वास्थ्य केंद्र मालगांव में डॉक्टर की नियुक्ति के बावजूद ग्रामीणों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। कारण यह है कि नियुक्त डॉक्टर को खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा मुख्यालय में संलग्न कर दिया गया है, जबकि मालगांव सहित आस-पास के कई गाँवों (धोबीगुड़ा, कोहकापाल, गुमड़ेल, करीतगांव, जुनावनी, उलनार) के लिए यह उपस्वास्थ्य केंद्र एकमात्र विकल्प है। डॉक्टर की अनुपस्थिति में ग्रामीणों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की निष्क्रियता से हताश ग्रामीण
ग्रामवासियों ने बताया कि वे एक तारीख से राशन के लिए भटक रहे हैं, लेकिन सर्वर डाउन और मशीन खराब होने के कारण उन्हें अब तक राशन नहीं मिल पाया। यह स्थिति न केवल उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान कर रही है, बल्कि उन्हें अपने कामधंधे छोड़कर दिन भर राशन दुकान के चक्कर लगाने को मजबूर कर रही है।
जब इस संबंध में तहसीलदार श्रीमती गावंडे से चर्चा की गई, तो उन्होंने मशीन की खराबी की पुष्टि की, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
विकास की स्थिति ‘शून्य’
ग्राम पंचायत के सरपंच और पंचायत सदस्यों ने जानकारी दी है कि वर्तमान समय में मालगांव में विकास कार्य लगभग ठप पड़े हैं। ना तो बुनियादी सुविधाओं में सुधार हो रहा है और ना ही किसी योजना का लाभ ग्रामीणों तक पहुँच रहा है।
मालगांव ग्राम पंचायत की स्थिति शासन और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि केवल योजनाएं बनाना काफी नहीं, उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करना और समय पर निगरानी करना आवश्यक है। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह गांव एक बार फिर उपेक्षा का शिकार होकर विकास की दौड़ से बाहर रह जाएगा ।