चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम ने कसा तंज कहा आदिवासी हितैषी का ढोंग दिखाने वाले लोग आए और आदिवासी भाई-बहनों के मन की बात भी पढ़ नही पाए…
जगदलपुर (प्रभात क्रांति), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बस्तर दौरे पर कड़ा प्रतिक्रिया देते हुए आदिवासी विधायक चित्रकोट राजमन बेंजाम ने कहा कि बस्तर वासियों के लिए केंद्र सरकार के पास न तो कोई योजनायें हैं और न ही आदिवासियों के विकास हेतु सोच रखते है ।
आदिवासी विरोधी मोदी सरकार
15 साल तक भारतीय जनता पार्टी ने बस्तर में शासन चलाया लेकिन उन्होंने कभी भी आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य किया, उल्टा उनके जल-जंगल-जमीन छीन कर गर्त में धकेल दिया। भारतीय जनता पार्टी बस्तर के आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझती है।
प्रदेश में जबसे कांग्रेस की भूपेश सरकार आयी है तब से प्रदेश सरकार ने सर्व वर्ग के साथ-साथ आदिवासी भाई-बहनों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनायें बनाकर धरातल पर कार्य कर रही है । उनके संस्कृतियों का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, विश्व के पटल पर आदिवासी संस्कृतियों का नाम ऊँचा हो रहा है । उनके सर्वांगीण विकास हेतु प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है और उन्हें मुख्यधारा में लाया जा रहा है ।
नगरनार स्टील प्लान्ट को निजी हाथों में बेच रही है मोदी सरकार
खनिज संपदा से भरपूर हमारी बस्तर भूमि को लूटने का प्रयास केंद्र की भाजपा की सरकार 2016 से कर रही है । बैलाडीला में लोहे की पहाड़ियों को अपने अमीर मित्रों को बेचने की कोशिश की गयी थी, विरोध करने के बाद भी फाइलें दबा कर अपने बुरे मंसूबों को साकार करने में लगी है।
आज फिर वही भाजपा सरकार नगरनार स्टील प्लांट को अपने अमीर मित्रों को बेचने जा रही है । प्रधानमंत्री मोदी जी बस्तर आये और 1 घंटा तक झुमलेबाजी करते रहे । उन्होंने अपने उद्बोधन में आदिवासी शब्द का प्रयोग करते हुए कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट आपका ही है, मैं इसे किसी और को बेचने नही दूंगा किंतु अपने अमीर मित्रों के दबाव में बोल तक नही पाये की नगरनार का निजीकरण नहीं होगा ।
प्रदेश की सरकार विपक्ष में रहते हुए भी नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का विरोध किया था और आज सत्ता में होकर भी निजीकरण का विरोध कर रही है । भूपेश बघेल जी की सरकार ने शासकीय संकल्प पारित कर नगरनार स्टील प्लांट को राज्य सरकार को सौंपने केंद्र को भेजा है लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार अपने मित्र-प्रेम को साकार करने नगरनार स्टील प्लांट को बेचने आतुर है ।
बस्तर वासियों की बहुत समय से नगरनार स्टील प्लांट का मुख्यालय हैदराबाद के स्थान पर बस्तर में खोलने की मांग रही है बस्तर की जनता को देश के प्रधानमंत्री से उम्मीद थी कि उनकी बरसों की यह मांग आज पूरी होगी, लेकिन प्रधानमंत्री जी आये और बस्तर की जनता को झुनझुना पकड़ा कर चल दिये और मांग पूरी होने की उम्मीद लेकर आयी जनता मायूस होकर घर को बैरंग लौट गयी ।
आरक्षण विरोधी मोदी सरकार
आदिवासी विरोधी मोदी सरकार आरक्षित प्रवर्गो के विकास के लिए लागू नीति-नियमों में भी सत्ता का दुरुपयोग करते हुए अड़ंगा डाल रही है।
प्रदेश कांग्रेस की भूपेश बघेल जी की सरकार ने सभी समाज के लिये सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को लागू करने और उनके हक़ को साकार करने विधानसभा से आरक्षण बिल पारित करवा कर राजभवन भेजा था । इस बिल में आदिवासी समाज के लिये 32 प्रतिशत, ओबीसी समाज के लिए 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति समाज के लिये 13 प्रतिशत और सामान्य गरीब वर्ग के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है लेकिन तानाशाही मोदी सरकार ने राजभवन में बिल को रोक क्यों रखा है और भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के सर्व वर्ग के लोगों का हक़ छीन रही है
झूठी उम्मीदों की सरकार – मोदी सरकार
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बस्तर आये और सर्वप्रथम दंतेश्वरी माता जी का दर्शन किया फिर सभा को झूठे झुमलों के साथ संबोधित किये , आम सभा को प्रधानमंत्री जी ने ऐसे संबोधित किया जैसे चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं। बस्तर के आदिवासी समाज, किसान,मजदूर,युवा एवं महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री ने कुछ भी घोषणा नहीं किया, जिससे बस्तर के जनता की उम्मीद प्रधानमंत्री के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के ऊपर से टूट चुकी है।